रोग हो जाना चारागर को चाक भरे दिल के उम्र कभी। रोग हो जाना चारागर को चाक भरे दिल के उम्र कभी।
आबो हवा अर शुद्ध पानी अब नही वो गाँव। खो गया है आज वो, अमराइयों का गाँव।। आबो हवा अर शुद्ध पानी अब नही वो गाँव। खो गया है आज वो, अमराइयों का गाँव...
एक समय था वो मेरे रग-रग से वाकिफ़ हो जाने में परेशां था... और एक आज है मेरी सूरत भी नजरन्दाज करना ही ... एक समय था वो मेरे रग-रग से वाकिफ़ हो जाने में परेशां था... और एक आज है मेरी सूरत ...